दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
अर्थ: हे प्रभु जब क्षीर सागर के मंथन में विष से भरा घड़ा निकला तो समस्त देवता व दैत्य भय से कांपने लगे (पौराणिक कथाओं के अनुसार सागर मंथन से निकला यह विष इतना खतरनाक था कि उसकी एक बूंद भी ब्रह्मांड के लिए विनाशकारी थी) आपने ही सब पर मेहर बरसाते हुए इस विष को अपने कंठ में धारण किया जिससे आपका नाम नीलकंठ Shiv chaisa हुआ।
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
O Lord, When the Deities humbly sought your assistance, you kindly and graciously uprooted all their Complications. You blessed the Deities together with your generous assistance if the Demon Tarak outraged them and you also destroyed him.
करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
पाठ पूरा हो जाने पर कलश का जल सारे घर में छिड़क दें।
Chanting of Shiva Chalisa is done via the devotees to be able to you should and acquire the blessings of their beloved shiv chalisa in hindi deity – Lord Shiva.
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